चेहरे पर अश्कों की लक़ीर बन गई
चेहरे पर अश्कों की लक़ीर बन गई
जो न चाहा था वो ही तक़दीर बन गई
हमने तो रेत पर चलाई थीं उंगलियां
देखा तो आपकी तस्वीर बन गई।
जो न चाहा था वो ही तक़दीर बन गई
हमने तो रेत पर चलाई थीं उंगलियां
देखा तो आपकी तस्वीर बन गई।
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