काश कभी न ख़त्म ये रात होती,

काश कभी न ख़त्म ये रात होती,
तो यूँ ही सपनों में उनसे बात होती,
उन्हें खोने का ख़ौफ़ न कभी पास होता,
हमेशा उनके पास होने का एहसास होता

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,