कहती है दुनिया जिसे प्यार, नशा है , खताह है!

कहती है दुनिया जिसे प्यार, नशा है , खताह है!
हमने भी किया है प्यार , इसलिए हमे भी पता है!
 मिलती है थोड़ी खुशियाँ ज्यादा गम!
पर इसमें ठोकर खाने का भी कुछ अलग ही मज़ा है!

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,