किसलिए इतनी सजा देते हो ! कभी करते हो याद तो कभी भुला देते हो !! अजीब मैंने आपकी मोहब्बत का सिलसिला देखा ! कभी ख़ुशी और कभी अपनी याद में रुला देते हो !!
प्यार में किसी को खोना भी जिंदगी हैं ! जिंदगी में गमो का होना भी जिंदगी हैं !! यूँ तो रहते हैं होठों पे मुस्कुराहट....! पर शायद चुपके से रोना भी जिंदगी हैं !!
चाहते हो किसी की मोहब्बत तो कहना तो होगा ! इकरार मिले या इनकार अंजाम सहना तो होगा !! ये प्यार समंदर हैं आग का दोस्तों....! कश्ती भले मोम की हो बहना तो होगा !!
नज़रों को आंसुओ की कमी नहीं होती ! फूलों को बहारों की कमी नहीं होती...!! आप क्यूँ इस न चीज को याद करोगे ! आप तो आसमा हो और आसमा को सितारों की कमी नहीं होती !!
इश्क दो जिंदगी का अफसाना हैं ! इश्क का अपना ही एक तराना हैं !! पता हैं सब को मिलेंगे सिर्फ आंसू ! पर न जाने दुनियाँ में हर कोई क्यूँ इश्क का ही दीवाना हैं !!
एक दिन इस दुनियाँ से हम चले जायेंगे ! हजारों तारों में हम आपको नज़र आयेंगे !! आप कोई ख्वाइश खुदा से माँगना....!! हम उसे पूरा करने के लिए उसी वक्त टूट जायेंगे !!
रब ने इश्क का रिश्ता बना दिया ! किसी को दुस्मन किसी को कातिल बना दिया !! डूब न जाए कोई इश्क के दरिया में...! इसी लिए आप जैसे लोगों को साहिल बना दिया !!
बेताब सा रहते हैं तेरी याद में अक्सर ! रात भर नहीं सोते हैं तेरी याद में अक्सर !! जिस्म में दर्द का बहाना बना के.....! हम टूट के रोते हैं तेरी याद में अक्सर !!
उनकी किस्मत का भी कैसा सितारा होगा ! जिसको मेरी तरह तक़दीर ने मारा होगा !! किनारे पे बैठे लोग भला ये क्या जाने...! डूबने वालों ने किस - किस को पुकारा होगा !!
जिंदगी बन के तेरे जान से गुजर जाऊँगा ! ऐसे न सता मैं तेरे दिल में उतर जाऊँगा !! मैं तो तेरे प्यार का एक हार हूँ.....! एक मोती भी टुटा तो बिखर जाऊँगा !!!
डूबते हैं तो पानी को दोष देते हैं ! गिरते हैं तो पत्थर को दोष देते हैं !! इंशान भी क्या अजीब हैं दोस्तों....! कुछ कर नहीं पाता तो किस्मत को दोष देता हैं !!
खुशियों से नाराज़ हैं मेरी जिंदगी ! प्यार की मोहताज़ हैं मेरी जिंदगी...!! हँस लेते हैं दुसरो को दिखाने के लिए ! वर्ना दर्द की खुली किताब हैं मेरी जिंदगी !!
कोई मिला ही नहीं जिसको वफ़ा देता ! हर एक ने धोखा दिया किस - किस को सजा देता !! ये तो हम थे की चुप रह गए वर्ना......! दास्तान सुनाते तो महफिल को रुला देता !!
तू कही भी रह सर पे तेरा इलज़ाम तो हैं ! तेरे हाथों की लकीर में मेरा नाम तो हैं !! मुझे अपना बना या न बना ये तेरी मर्जी ! पर तू मेरे नाम से बदनाम तो हैं....!!
किसी का दर्द जब हद से गुजर जाता हैं ! समंदर का पानी आँखों में उतर आता हैं !! कोई तो बना लेता हैं रेत पर भी घर....! किसी का लहरों में सब कुछ बिखर जाता हैं !!
बेताब से रहते हैं तेरी याद में अक्सर ! रात भर नहीं सोते हैं तेरी याद में अक्सर !! जिस्म में दर्द का बहाना बना के हम टूट के रोते हैं तेरी याद में अक्सर !!