तू कही भी रह सर पे तेरा इलज़ाम तो हैं !

तू कही भी रह सर पे तेरा इलज़ाम तो हैं !
तेरे हाथों की लकीर में मेरा नाम तो हैं !!
मुझे अपना बना या न बना ये तेरी मर्जी !
पर तू मेरे नाम से बदनाम तो हैं....!!

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,