तक़दीर के रंग कितने अजीब हैं !

तक़दीर के रंग कितने अजीब हैं !
अनजाने रिश्ते हैं फिर भी अजीब हैं !!
किसी को दोस्त आपके जैसा नहीं मिला !
मुझे अनजाने में आप मिले ये नसीब हैं !!

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,