भले ही किसी गैर की जागीर थी वो !

भले ही किसी गैर की जागीर थी वो !
पर मेरे ख्वाबो की तस्वीर थी वो....!!
मुझे मिलती तो वो कैसे मिलती !
किसी और के हिस्से की तकदीर थी वो !!

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,