तुम दूर हो कर भी मेरे करीब हो !

तुम दूर हो कर भी मेरे करीब हो !
मेरे दिल से पूछो कितने अज़ीज़ हो !!
अपनी हथेली को कभी गौर से देखना !
सायद किसी लकीर में मेरा भी नसीब हो !!

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,