वो बेवफा निकली तो क्या हुवा !

वो बेवफा निकली तो क्या हुवा !
कुछ दिन का तो साथ निभाया था !!
तड़पता हुवा छोर गया तो क्या गिला !
तड़पना भी तो उसी ने सिखाया था !!

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,