न कोई तस्वीर न कोई निशानी थी !

न कोई तस्वीर न कोई निशानी थी !
न कोई जंजीर न कोई कहानी थी !!
आपका दोस्त होना इत्तफाक था शायद !
या फिर खुदा की हम पे कोई मेहरबानी थी !!

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,