हम उठ के चले तेरे महफिल से !

हम उठ के चले तेरे महफिल से !
पीछे से तुम ने पुकारा भी नहीं....!!
फिर खुद ही रुक गए कदम मेरे !
क्योंकी तेरी मोहब्बत के बिना मेरा गुजारा नहीं !!

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,