तुम्हारे साथ चलते हैं हज़ार चाहने वाले,
तुम्हारे साथ चलते हैं हज़ार चाहने वाले,
मेरे होने न होने से तुम्हे फर्क क्या पड़ता है...
सब मुझे ही कहते है के तुम उसे भूलजाओ,
कोई उससे क्यों नहीं कहता की वो मेरा हो जाए
मेरे होने न होने से तुम्हे फर्क क्या पड़ता है...
सब मुझे ही कहते है के तुम उसे भूलजाओ,
कोई उससे क्यों नहीं कहता की वो मेरा हो जाए
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें