बेताब से रहते हैं तेरी याद में अक्सर !

बेताब से रहते हैं तेरी याद में अक्सर !
रात भर नहीं सोते हैं तेरी याद में अक्सर !!
जिस्म में दर्द का बहाना बना के.....!
हम टूट के रोते हैं तेरी याद में अक्सर !!

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,