हमारी महफ़िल को फ़साना मिल गया,

हमारी महफ़िल को फ़साना मिल गया,
और ग़ज़लों को अफसाना मिल गया,
आपकी दोस्ती कुछ ऐसी मिली ऐे दोस्त,
जैसे खुद कि तरफ से एक नज़राना मिल गया…

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