कभी खामौशी कुछ कह जाती हैं!

कभी खामौशी कुछ कह जाती हैं!
सोचने के लिए सिर्फ यादें रह जाती हैं!!
क्या फ़र्क पड़ता हैं दूर हो या पास!
दुरियाँ ही दोस्ती की मतलब सिखाती हैं!!.

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,