न समझ भूल गया हूँ तुझे !

न समझ भूल गया हूँ तुझे !
तेरी खुशबू मेरे सांसो में आज भी हैं !!
मजबूरियों ने निभाने न दी मोहब्बत !
सच्चाई मेरी वाफाओ में आज भी हैं!!

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,