लम्हे तो रुक्सत हो जाते हैं!
लम्हे तो रुक्सत हो जाते हैं!
पर कुछ यादो के दायरे बन जाते हैं!!
भूल जाना तो इन्सान की फिदरत हैं!
पर कुछ दोस्त यादो में बस जाते हैं!.
पर कुछ यादो के दायरे बन जाते हैं!!
भूल जाना तो इन्सान की फिदरत हैं!
पर कुछ दोस्त यादो में बस जाते हैं!.
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