कहते है वक़्त हर ज़ख्म को भर देता है लेकिन
कहते है वक़्त हर ज़ख्म को भर देता है लेकिन
जाने क्यो मैने अपने ज़ख्म को हर वक़्त हारा पाया,
तुम तो चल दिये छोड कर तन्हा मुझको लेकिन
आंखो को हर पल तेरे इन्तेज़ार मे बिछा पाया.......
जाने क्यो मैने अपने ज़ख्म को हर वक़्त हारा पाया,
तुम तो चल दिये छोड कर तन्हा मुझको लेकिन
आंखो को हर पल तेरे इन्तेज़ार मे बिछा पाया.......
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें