एक आरज़ू सी दिल मैं अक्सर छुपाये फिरता हूँ …

एक आरज़ू सी दिल मैं अक्सर छुपाये फिरता हूँ …
प्यार करता हूँ तुझ से , पर कहने से डरता हूँ …
नाराज़ ना हो जाओ कहीं मेरी गुस्ताखी से तुम ….
इसलिए खामोश रह कर भी ,तेरी धड़कन को सुना करता हूँ

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,