मुहब्बत एक एहसानों की पावन सी कहानी है

मुहब्बत एक एहसानों की पावन सी कहानी है
कभी  कबीरादीवाना था कभी मीरा दीवानी है,
यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आसूँ हैं
जो तू समझे तो मोती है जो न समझे तो पानी है !

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,