जब भी तेरे बिना रात होती हैं …..

जब भी तेरे बिना रात होती हैं …..
दीवारों से अक्सर बात होती हैं ………
सन्नटा पूछता हैं हमारा हाल हम से ……
और बस तेरे नाम से ही शुरुआत होती हैं …..

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,