वक्त के पन्ने पलटकर

वक्त के पन्ने पलटकर
फ़िर वो हसीं लम्हे जीने को दिल चाहता है
कभी मुशाकराते थे सभी दोस्त मिलकर
अब उन्हें साथ देखने को दिल तरस जाता है

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,