मंजिल को पाने की कसक रहने दो

बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो,
मंजिल को पाने की कसक रहने दो ।
आप चाहे रहो नज़रों से दूर ,
पर मेरी आँखों में अपनी एक झलक रहने दो

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,