बिकता अगर प्‍यार जो कौन नहीं खरीदता



“बिकता अगर प्‍यार जो कौन नहीं खरीदता
बिकती अगर खुशियां तो कौन उसे बेचता
दर्द अगर बिकता तो हम आपसे खरीद लेते
और आपकी खुशियों के लिए हम खुद को बेच देते”

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,