अपनो को दूर होते देखा , सपनो को चूर होते देखा
अपनो को दूर होते देखा ,
सपनो को चूर होते देखा !
अरे लोग कहते हे फ़िज़ूल कभी रोते नही ,
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा!
सपनो को चूर होते देखा !
अरे लोग कहते हे फ़िज़ूल कभी रोते नही ,
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा!
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