वो हमको पत्थर और खुद को लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप मार्च 30, 2015 वो हमको पत्थर और खुद को फूल कह कर मुस्कुराया करते हैं उन्हें क्या पता कि पत्थर तो पत्थर ही रहते हैं फूल ही मुरझा जाया करते हैं। लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप टिप्पणियाँ
चमक सूरज की नहीं मेरे किरदार की है, अक्तूबर 09, 2015 चमक सूरज की नहीं मेरे किरदार की है, खबर ये आसमाँ के अखबार की है, मैं चलूँ तो मेरे संग कारवाँ चले, बात गुरूर की नहीं, ऐतबार की है...!! और पढ़ें
रूठना मत मुझे मनाना नहीं आता मार्च 12, 2015 रूठना मत मुझे मनाना नहीं आता दूर मत जाना मुझे बुलाना नहीं आता तुम भूल जाओ तुम्हारी मर्ज़ी मगर मैं क्या करूं, मुझे तो भूल जाना भी नहीं आता... और पढ़ें
यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो, मार्च 12, 2015 यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो, प्यार के ज़ख्म अमानत है दिखाया ना करो शहर ऐ एहसार में पत्त्हत बहुत है, दिल को शीहे के झरोंखों मे सजाया ना करो और पढ़ें
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