आसुओं के चलनेकी आवाज नहीं होती


“आसुओं के चलनेकी आवाज नहीं होती
दिल के टुटने की आहट नहीं होती
अगर होता खुदा को हर दर्द का अहसास
तो उसे दर्द की आदत ना होती ”

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,