जिसको मैंने दे दी अपनी यह जिंदगी वो सख्स ही मेरा कातिल निकला
जिसको मैंने दे दी अपनी यह जिंदगी
वो सख्स ही मेरा कातिल निकला ,
वफ़ा में न कोई कमी की ,
इन वफाओं से न कुछ हासिल निकला ,
हम तो तूफ़ान से डरते रहे लेकिन,
जिसने डुबोया मुझे वोह साहिल निकला ।
वो सख्स ही मेरा कातिल निकला ,
वफ़ा में न कोई कमी की ,
इन वफाओं से न कुछ हासिल निकला ,
हम तो तूफ़ान से डरते रहे लेकिन,
जिसने डुबोया मुझे वोह साहिल निकला ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें