बहुत टुटा बहुत बिखरा, थपेड़े सह नहीं पाया
बहुत टुटा बहुत बिखरा, थपेड़े सह नहीं पाया
हवाओं के इशारो पर मगर में बह नहीं पाया
अधुरा अनसुना ही रह गया, ये प्यार का किस्सा
कभी में कह नहीं पाया कभी तुम सुन नहीं पाई
हवाओं के इशारो पर मगर में बह नहीं पाया
अधुरा अनसुना ही रह गया, ये प्यार का किस्सा
कभी में कह नहीं पाया कभी तुम सुन नहीं पाई
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