समंदर पीर के अंदर है, लेकिन रो नहीं सकता

समंदर पीर के अंदर है, लेकिन रो नहीं सकता
ये आंसू प्यार का मोती है , इसको खो नहीं सकता
मेरी चाहत को दुल्हन तू, बना लेना मगर सुनले
जो मेरा हो नहीं पाया, वो तेरा हो नहीं सकता

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,