ख्बाबों ने सपनों में आना छोड दिया
“हंसी ने लबों पर थ्रिकराना छोड दिया
ख्बाबों ने सपनों में आना छोड दिया
नहीं आती अब तो हिचकीया भी शायद
आपने भी याद करना छोड’ दिया
ख्बाबों ने सपनों में आना छोड दिया
नहीं आती अब तो हिचकीया भी शायद
आपने भी याद करना छोड’ दिया
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