रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू;

कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू
मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,