ये भी गया सब ही जाते हैं

ये भी गया सब ही जाते हैं
फिर जाने हम क्यूँ पछिताते हैं
मरते हैं लोग हर दिन कीड़ों की तरह
याद वही रहते हैं जो कुछ कर जाते हैं 

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