जिसे हम कब से भुलाये बैठे थे

जिसे हम कब से भुलाये बैठे थे ,
वो आज अचानक ही याद आ गये,
जिस गम की बारिश ने किया था बरबाद ,
उसी बारिश के बदल आज फ़िर छा गये ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट