मैं ख़ुद ज़मीन मेरा ज़र्फ़ आसमान का है

मैं ख़ुद ज़मीन मेरा ज़र्फ़ आसमान का है, 
के टूट कर भी मा हौसला चटान का है,
बिचाद के मैं उस से इस लिए रोया, 

वो कह गई थी ये वक्त इम्तेहान का है

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