एक तो आपसे मेरी मुलाक़ात नही होती,
एक तो आपसे मेरी मुलाक़ात नही होती,
होती हे ख्वाबों में तो फ़िर बात पुरी नही होती,
शायरी करके दिल नही भरता मेरा,
क्यूँ की उसमे आपकी आवाज़ नही होती
होती हे ख्वाबों में तो फ़िर बात पुरी नही होती,
शायरी करके दिल नही भरता मेरा,
क्यूँ की उसमे आपकी आवाज़ नही होती
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें