पहले तुम्हारी झुकी नज़रों का अंदाज़ बहुत भाता था,

पहले तुम्हारी झुकी नज़रों का अंदाज़ बहुत भाता था,
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अब मेरी चाहत को तुम्हारा नज़र-अंदाज़ तड़पाता है।

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